हे मारुती सारी राम कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में,
हे मारुती सारी राम कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में,
दुनिया भर की भक्ति का,
भंडार तुम्हारी आँखों में,
हे मारुती,
हे मारुती सारी राम कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में….
जय जय बजरंगबली,
जय जय जय बजरंगबली….
लंका को तुम्ही ने जलाया था,
जलाया था जलाया था,
रावण को तुम्ही ने हिलाया था,
हिलाया था हिलाया था,
संजीवन बूटी लाकर के,
संजीवन बूटी लाकर के,
लक्ष्मण को तुम्ही ने जिलाया था,
जिलाया था जिलाया था,
रहते है सदा रघुनन्दनजी,
साकार तुम्हारी आँखों में,
हे मारुती,
हे मारुती सारी राम-कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में…….
जय जय बजरंगबली,
जय जय जय बजरंगबली….
तुम सचमुच संकट मोचन हो,
संकट मोचन हो,
संकर की तरह त्रिलोचन हो,
त्रिलोचन हो,
जिस पर हो तुम्हारी कृपा उसे,
कभी कष्ट न हो कभी सोच न हो,
चिंता को काट के रखदे वो,
तलवार तुम्हरी आँखों में,
हे मारुती,
हे मारुती सारी राम-कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में…..
जय जय बजरंगबली,
जय जय जय बजरंगबली….
हे मारुती सारी राम कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में,
हे मारुती सारी राम कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में,
दुनिया भर की भक्ति का,
भंडार तुम्हारी आँखों में,
हे मारुती,
हे मारुती सारी राम-कथा का,
सार तुम्हारी आँखों में……
जय जय बजरंगबली,
जय जय जय बजरंगबली….
Author: लखबीर सिंह लक्खा