कैसा रंग रंगीला हो राम हनुमान तेरा,
हनुमान तेरा हनुमान तेरा……
एक दिन अवधपुरी में आये,
खुद नाचे और राम नचाये,
वो तो बड़ा रसीला हो राम हनुमान तेरा,
कैसा रंग रंगीला हो राम हनुमान तेरा…..
राम नाम का बाजे डंका,
जा फुकी रावण की लंका,
वो तो बड़ा हठीला हो राम हनुमान तेरा,
कैसा रंग रंगीला हो राम हनुमान तेरा…..
लंका बिच लंकनी मारी,
दर कर भागे सब नर नारी,
करी ऐसी लीला हो राम हनुमान तेरा,
कैसा रंग रंगीला हो राम हनुमान तेरा…..
सब दुश्मन के बिच दहाड़े,
फल खाये और बाग़ उजाड़े,
को नक्शा धिलाला ढिल्ला हो राम हनुमान तेरा,
कैसा रंग रंगीला हो राम हनुमान तेरा…..
कृष्ण लाल गजब का डाला,
बजरंग बाला तेरा खेल निराला,
करदा छंद कटीला हो हो राम हनुमान तेरा,
कैसा रंग रंगीला हो राम हनुमान तेरा…..
Author: Unknown Claim credit