विनती मेरी सुनकर मेरे बाला जी चले आना,
मैं ध्यान धरूं तेरा मेरे भी संकट मिटा जाना
विनती मेरी सुनकर….
समझ के तुझको अपना मैं मन की बताता हूँ,
सबकी तू सुनता है सो अपनी भी सुनाता हूँ,
सुनने मेरी भी व्यथा हनुमंत चले आना ।
मैं ध्यान धरूं तेरा मेरे भी संकट मिटा जाना,
विनती मेरी सुनकर…..
तुझ बिन केसरी नंदन मेरे मेरा कोई ना सहारा है,
जीवन सारा अपना मैंने तेरे चरणों में वारा है,
बनके सहारा मेरा सदा साथ निभा जाना।
मैं ध्यान धरूं तेरा मेरे भी संकट मिटा जाना,
विनती मेरी सुनकर……
क्या हुई खता क्यूं मुझसे तू रूठा है,
इस बेरुखी से तेरी देख दिल मेरा टूटा है,
भूल मुझे मेरी मेरे प्रभु आकर बता जाना।
मैं ध्यान धरूं तेरा मेरे भी संकट मिटा जाना,
विनती मेरी सुनकर……
आँखों में भरे हैं आंसू मेरे नाथ तरस खाओ,
करते हो दया सब पर मुझ पर भी बरसाओ,
मेहर करने दास पर संकट हर्ता चले आना।
मैं ध्यान धरूं तेरा मेरे भी संकट मिटा जाना
विनती मेरी सुनकर…..
मैं ध्यान धरूं तेरा तू बिगड़ी बना जाना,
विनती मेरी सुनकर…..।
Author: Unknown Claim credit