मेरे हनुमान को देखो कैसा मौका मिल गया

मेरे हनुमान को देखो कैसा मौका मिल गया

माँ सीता ने सिंधुर लगाया चेहरा खिल गया,
मेरे हनुमान को देखो कैसा मौका मिल गया…

एक चुटी का सिन्दूर अगर है उम्र बढ़ाने वाला,
सारे तन पे क्यों ना लगाए माँ अंजनी का लाला,
बेटे का ये भोला पण राजी दिल कर गया,
मेरे हनुमान को देखो कैसा मौका मिल गया…

लाली दे ते जब लाली देखि हसी रोक ना पाई,
लगा बात डैम जायदा तो बात समज में आई,
प्रभु राम के दीवाने का जादू चल गया,
मेरे हनुमान को देखो कैसा मौका मिल गया…

माता सीता जान गई के ये है सच्ची भक्ति,
कमल सिंह है परम पुजारी शिव शम्बू की शक्ति,
बानर रूप में शिव शंकर से रावण हिल गया,
मेरे हनुमान को देखो कैसा मौका मिल गया…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह