जब भक्त बुलाते हैँ

जब भक्त बुलाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ ॥
वो तो दीन और दुःखीओं को ॥
आ के गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

द्रोपदी ने जब, उन्हें पुकारा, दौड़े दौड़े आ गए ।
भरी सभा में, चीर बढ़ा के, उसकी लाज बचा गए ॥
वो बहुत दयालु हैँ, वो दया के सागर हैँ,
वो चीर बढ़ाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

अर्जुन ने जब, उन्हें पुकारा, सार्थी बनके आ गए ।
गीता का, उपदेश सुना के, उसका भरम मिटा गए ॥
वो ज्ञान सिखाते हैँ, वो भरम मिटाते हैँ,
वो गले लगाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

धन्ने ने जब, उन्हें पुकारा, ठाकुर बनके आ गए ।
पत्थरों में, दर्श दिखा के, प्रेम का भोग लगा गए ॥
वो दर्श दिखाते हैँ, वो हल चलाते हैँ,
वो मान बढ़ाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

मित्र सुद्दामा, द्वारे आए, दौड़े दौड़े आ गए ।
दो मुठी, सत्तू के बदले, उसका महल बना गए ॥
वो फ़र्ज़ निभाते हैँ, वो गले लगाते हैँ,
वो महल बनाते हैँ, हरि दौड़ के आते हैँ,
जब भक्त बुलाते हैँ…

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

विजया एकादशी

सोमवार, 24 फरवरी 2025

विजया एकादशी
महा शिवरात्रि

बुधवार, 26 फरवरी 2025

महा शिवरात्रि
आमलकी एकादशी

सोमवार, 10 मार्च 2025

आमलकी एकादशी
होलिका दहन

गुरूवार, 13 मार्च 2025

होलिका दहन
होली

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

होली
फाल्गुन पूर्णिमा

शुक्रवार, 14 मार्च 2025

फाल्गुन पूर्णिमा

संग्रह