राम के रसिया हैं बालाजी हनुमान…………

राम के काज सँवारे तुमने,
पानी में पत्थर तारे तुमने,
रावण वध त्रेता में उठाकर कैसा रूप सहाय,
राम के रसिया हैं बालाजी महाराज…..

भक्त विभीषण राम का प्यारा,
रावण ने लंका से निकाला,
देख के राम भक्त लंका में झूम उठे हनुमान,
राम के रसिया हैं बालाजी महाराज……

शक्ति और भक्ति के दाता,
राम चरन से इनका नाता,
मंगल ही मंगल देते ऐसे दया निधान,
राम के रसिया हैं बालाजी महाराज……..

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