भीगी पलकों ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है,
कहाँ हो बाबा श्याम,
कहाँ हो सांवरिया,
मुझे तेरा सहारा है,
भिगी पलको ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है।।

दरबार निराला है,
बाबा दिल वाला है,
बस तुमसे मांगेगे,
तू ही देने वाला है,
जो जग से हार गए,
जो जग से हार गए,
उसे तुमने तारा है,
भिगी पलको ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है।।

गिरते को उठाते हो,
हारे को जिताते हो,
भक्तो के सारे गम,
तुम पल में मिटाते हो,
मजधार में नैया है,
मजधार में नैया है,
बड़ी दूर किनारा है,
भिगी पलको ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है।।

कब तक रोएंगे,
कब तक रुलाओगे,
तुम्हे तरस नही आता,
हमें कितना सताओगे,
‘मित्तल’ की किस्मत को,
हारो की किस्मत को,
तुमने ही संवारा है,
भिगी पलको ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है।।

भीगी पलकों ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है,
कहाँ हो बाबा श्याम,
कहाँ हो सांवरिया,
मुझे तेरा सहारा है,
भिगी पलको ने श्याम पुकारा है,
भीगी पलकों ने तेरा नाम पुकारा है।।

Author: Kanhiya Mittal

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