दरबार में आकर बाबा को तू

दरबार में आकर बाबा को तू

दरबार में आकर बाबा को,

तू अपना हाल सुनाएं जा,

बाबा ना सुने ना मुमकिन है,

तू अपना जोर लगाए जा…

दरबार में आकर बाबा को,

तू अपना हाल सुनाएं जा…

है काम बहुत मेरे बाबा को,

ये सारे जग का स्वामी है,

सुनने की… सुनने की…

सुनने की घड़ी कब आ जाए,

तू अपना दांव लगाए जा…

दरबार में आकर बाबा को,

तू अपना हाल सुनाएं जा…

नंबर कब किसका लग जाए,

ये अपनी अपनी किस्मत है,

खाली ना… खाली ना…

खाली ना गया कोई दर से कभी,

आशा का दीप जलाए जा…

दरबार में आकर बाबा को,

तू अपना हाल सुनाएं जा…

यहां देर भले ही हो जाए,

अंधेर की कोई बात नहीं,

धीरज का.. धीरज का..

नंदू धीरज का फल मीठा,

तू धीरज को अपनाए जा…

दरबार में आकर बाबा को,

तू अपना हाल सुनाएं जा,

बाबा ना सुने ना मुमकिन है,

तू अपना जोर लगाए जा…

दरबार में आकर बाबा को,

तू अपना हाल सुनाएं जा,

बाबा ना सुने ना मुमकिन है,

तू अपना जोर लगाए जा…

Author: Sanjay Pareek

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