बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए……
ना रोली मौली चावल है,
ना धन दोलत की थैली है,
ना रोली मौली चावल है,
ना धन दौलत की थैली है,
दो आँसू बचा कर लाया हूँ,
पूजा तेरी करने के लिए,
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए……
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इच्छा सोने चाँदी की,
ना रंग महल की अभिलाषा,
ना इच्छा सोने चांदी की,
तेरी दया की दौलत काफ़ी है,
झौली मेरी भरने के लिए,
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
चरणों में तेरे अर्पण के लिए……
मेरे बाबा मेरी इच्छा नहीं,
अब यहां वापस जाने की,
मेरे बाबा मेरी इच्छा नहीं,
अब यहाँ से वापस जाने की,
चरणों में जगह दे दो थोड़ी,
मुझे जीवन भर रहने के लिए,
बड़ी दूर से चलकर आया हूँ,
मेरे बाबा तेरे दर्शन के लिए,
एक फूल गुलाब का लाया हूँ,
Author: Sanjay Mittal