तेरा जादू खाटू वाले ऐसा सर पे छा गया,

मैं फिर से खाटू आ गया…..

जब भी मैं सांवरे थोडा उदास हो जाता हूँ,

तुझसे मिलने मुरली वाले दौड़ दौड़ आता हूँ,

संग ले करके भक्तो की टोली गाड़ी भर करके आ गया,

मैं फिर से खाटू आ गया….

घर से लकर रिंगस तक रिंगस फिर खाटू तक,

चैन नही आता है बाबा तेरा पैडी चढने तक,

तेरा सोडा मुखड़ा बाबा इन नैनो को भा गया,

मैं फिर से खाटू आ गया…..

मै आऊ हर बार जी संग लेकर परिवार जी,

कर कृपा हर महीने नही रहूँ हर हफ्ते तैयार जी,

मैं नाचू दरबार में ऐसे जैसे फिर से फागुन आ गया,

मैं फिर से खाटू आ गया…..

Author: Kanhaiya Lal mittal

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी
शनि जयंती

मंगलवार, 27 मई 2025

शनि जयंती
निर्जला एकादशी

शुक्रवार, 06 जून 2025

निर्जला एकादशी
ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा

संग्रह