तू किरपा कर बाबा कीर्तन करवाऊंगा,
तू किरपा कर बाबा कीर्तन करवाऊंगा,
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा
तू किरपा कर बाबा जय हो जय हो।।
मैं भाई भतीजो के कुरते सिलवाऊंगा,
और बहन बेटियों के गहने बनवाऊंगा,
इत्र की खुशबु से ये घर महकाऊँगा,
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा।।
मैं फूलों से बाबा श्रृंगार कराऊंगा,
मैं फूलों से बाबा श्रृंगार कराऊंगा,
तेरे खातिर सांवरिया छप्पन भोग बनाऊंगा,
मैं एक एक करके हाथों से खिलाऊंगा,
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा।।
मैंने जो पाया है सब तुझसे पाया है,
मैं जहाँ खड़ा हूँ आज प्रभु तेरी माया है,
जग खुद पे लुटाता है मैं तेरे खातिर लुटा दूंगा,
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा।।
ऐसी किरपा करना तेरा कीर्तन कराता रहूं,
तेरे भजनो से बाबा तुझको मैं रिझाता रहूं,
तेरे भक्तों को कीर्तन में बुलाऊंगा।
सब भजन प्रवाहको को कीर्तन में बुलाऊंगा,
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा।।
तू किरपा कर बाबा कीर्तन करवाऊंगा,
कीर्तन कराऊँ ऐसा इतिहास बना दूँँगा
तू किरपा कर बाबा कीर्तन करवाऊंगा।।
Author: Kanhaiya Lal mittal