आये सपने में बांके बिहारी,
ना होश मेरी होश में रही,
जाऊं सपने में उनको निहारी,
इसीलिए खामोश मैं रही,
आये सपने में………

झूम झूम मैं तो बस नाचती रही,
कृष्ण कृष्ण कृष्ण बस कहती रही,
नज़रो से बातें मैं करती गई,
कृष्ण कृष्ण कृष्ण बस कहती रही,
संग खेल मेरे रंगो की होली,
कि सखी मेरी रात हो गई,
आये सपने में……..

आँखों में काजल हाथो में बंसी,
मुकुट पे मोरपंख गालों पे लाली,
देख प्यारी मुस्कान मैं तो बोली,
की श्याम की दीवानी हो गई,
आये सपने में……..

सारी रात वृन्दावन घूमती रही,
कृष्ण कृष्ण कृष्ण बस कहती रही,
बंसी जो बजाई ऐसी मुरली वाले ने,
मैं नाच नाच नाच बस नाचती गई,
ऐसी देख के लगन मेरी श्याम से,
किशोरी भी हैरान हो गई,
आये सपने में…….

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