मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला,
प्रभु नाम के मोती,
महिमा राम नाम की होती,
मन हो जाये मतवाला..
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला…
जिसकी कृपा से रत्नाकर भी,
रामायण लिख जावें,
जिसकी कृपा से नयनहीन भी,
सूर श्याम कहलाये,
मीरा जोगन हो जावे,
गिरधर के रंग रंगाये,
पीये दीवानी विष प्याला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला…….
धूप दीप अर्चन साधन न,
जोग कोई बतलाये,
चरण शरण ही जा बैठे,
और भव सागर तर जाए,
काशी काबा न जाए,
चाहे गंगा न नहाये,
बस राम की फेरे माला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला……
जनम जनम के इस चक्कर से,
खुद को आज बचा ले,
राम नाम का हो जा प्राणी,
राम नाम अपना ले,
अरे बन जा सवाली,
भर ले झोली तू खाली,
सारे जग का वो रखवाला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला,
मोहे ला दो भजन की,
वही माला, वही माला……
Author: Unknown Claim credit