बंशी बजा के कान्हा

सांवला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई,
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी,
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी…..

आँख मिचौली काहे खेले तू कान्हा,
पलके बिछाए बैठी तेरी राधा,
कास में तेरी बन जाती बंसुरिया,
अधरों से तेरे लग जाती में सांवरिया,
नैना निहारे पन्थ आओ मुरारी,
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी…..

याद जो आये मोहे पल महारास के,
थिरके पायलिया मृदंग ताल पे,
जितनी गोपिया उतने गोविन्दा,
कण कण में हे जेसे भगवंता,
पल ना पड़े अब कान्हा पल पल भारी,
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी……

बंशी बजा के मेरी निंदिया उड़ाई,
लाडला कन्हैया मेरा कृष्ण कन्हाई,
कुञ्ज गली में ढूंढें तुम्हे राधा प्यारी,
कहां गिरधारी मेरे कहां गिरधारी……

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह