भादो की रतिया भयावन
घटा घन घेरेली हे
ललना चम् चम् चमके बिजुरिया
डगर नहीं सुझेला हो

आधी रतिया भइले त मोहन जनम लेले हो
आधी रतिया भइले त मोहन जनम लेले हो
ललना खुल गईले जेल के फटकवा
पहरेदार सूत गईले हो

सूप में से गोड़ लटकौले
की यमुना में डाल देहले हो
सूप में से गोड़ लटकौले
की यमुना में डाल देहले हो
ललना यमुना के जल भईले थोर त वसुदेव पार भईले हो

पहुँचले गोकुला नगरीया
त नन्द के भवन पहुंचे हो
पहुँचले गोकुला नगरीया
त नन्द के भवन पहुंचे हो
ललना यशोदा के गोदिया सुतावे
त हिया लेई मथुरा अईले हो

Author: Guru Ashish

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती
अन्नपूर्णा जयन्ती

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

अन्नपूर्णा जयन्ती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
संकष्टी चतुर्थी

बुधवार, 18 दिसम्बर 2024

संकष्टी चतुर्थी

संग्रह