भजनो को करते करते मेरी उम्र बीत जाये
मुझे मौत भी जो आये दरबार में ही आये

तू कहे तो बन के काजल तेरी आँख में समाङ
तेरी कृपा से ही बाबा भजनो को गुनगुनाऊँ
भजनो को गुनगुनाऊँ
या काम ऐसा कर दे तेरे दिल को जो लुभाऊं

मुझे आज मिल गई है जीवन की मेरी मंज़िल
फिर श्याम मिल गए हैं बस में नहीं ये दिल
बस में नहीं ये दिल ……….
आलिया बेटू पे जो है सब श्याम से मिला है

कहते रमन ये खुशियां तेरे नाम से लुटा दूँ
तेरी श्याम अपने दिल में तस्वीर भी सजा दूँ
तस्वीर भी सजा दूँ …….
करनी करू मैं ऐसी मेरा श्याम मुस्कुराये

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