भरदे रे श्याम झोली भरदे

भरदे रे श्याम झोली भरदे

भरदे रे श्याम झोली भरदे ,भरदे

ना बहलाओ बातों में ……

दिन बीते बीती राते अपनी कितनी हुई रे मुलाकाते,

तुझे जाना पहचाना तेरे झूठे हुए सारे वादे,

भूले रे श्याम तुम तो भूले क्या रखा है बातो में,

भरदे रे श्याम झोली भरदे …

नादान हैं,अनजान है,श्याम तू ही मेरा भगवान

तुझे चाहूँ,तुझे पाऊँ,मेरे दिल का यही अरमान है

पढ़ले रे श्याम दिल की पढ़ले ,पढ़ले सब लिखा है आँखों में

भरदे रे श्याम झोली भरदे …

मेरी नैया,ओ कन्हिया,पार कर दे तू बनके खिवैया

मैं तो हार,गम का मारा,आजा -आजा ओ बंसी के बाजिया

लेले रे श्याम अब तो लेले ,लेले मेरा हाथ हाथों में

भरदे रे श्याम झोली भरदे …

मैं हूँ तेरा,तू है मेरा,मैंने डाला तेरे दर पर डेरा

मुझे आस है ,विश्वास है,श्याम भर देगा दमन मेरा

झूमें रे श्याम नंदू झूमें ,झूमें तेरी बाहों में

भरदे रे श्याम झोली भरदे ,भरदे

ना बहलाओ ,बातों में

Author: Vidhi Deshwal

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी
गुरु गोविंद सिंह जयंती

शनिवार, 27 दिसम्बर 2025

गुरु गोविंद सिंह जयंती
पौष पूर्णिमा

शनिवार, 03 जनवरी 2026

पौष पूर्णिमा

संग्रह