ब्रिज रानी कृपा कीजे, रज रानी कृपा कीजे
ब्रिज माही किसी कोने में, मोहे धूलि बना दिजे
संत चरण रज, युगल चरण रज
रज में मिल रज, लिपटु मैं रज
चरणों मे मिला लीजे, ब्रिज वास् दिला दिजे
ब्रिज के किसी कोने में मोहे धूल बना लीजे
रज कण कण में वास युगल का
आनंद भरा एहसास युगल का
कुंज यमुना पहुँचा दिजे, आननद दिला दिजे
ब्रिज के किसी कोने में मोहे धूल बना लीजे
गोपाली पागल की है लाली, जो लाली बरसाने वाली
रस केली चखा दिजे, बरसाना बसा लीजे
मोहे पास बिठा लीजे
ब्रिज के किसी कोने में मोहे धूल बना लीजे
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