चांदी की पालकी और रेशम की डोरी

चांदी की पालकी और रेशम की डोरी

चांदी की पालकी और रेशम की डोरी,
पलना में झूलें मेरे बांके बिहारी,
पलना में झूले मेरे बांके बिहारी

कजरारे कारे कारे,मोटे मोटे नैना ॥
देख छवि नटखट की ,जियरा भरे ना ॥
अधरों को चूमे मुरलिया प्यारी,
अंगना में झूले मेरे बांके बिहारी
चांदी की पालकी और रेशम की डोरी।

मोर मुकुट सिर पे,गले बैजंती माला ॥
हाथो पे कंगना सोए, काँधे पे दुशाला ॥
सावली सलोनी छवि,दुनिया से न्यारी,
पलना में खेले मेरे बांके बिहारी
चांदी की पालकी और रेशम की डोरी।

बैठे हैं फूलो में छुपकर के ऐसे ॥
लुक्का छुपी खेल रहे भक्तो से जैसे॥
ठोड़ी के हीरे से चमके बिहारी,
पालना में के खेलें मेरे बांके बिहारी
चांदी की पालकी और रेशम की डोरी।

छोटे से मेरे हैं बांके बिहारी ॥
हाथो में सोए मुरली प्यारी प्यारी ॥
सावली सलोनी छवि दुनिया से न्यारी,
पालना में झूले मेरे बांके बिहारी
चांदी की पालकी और रेशम की डोरी।

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