चरन कमल बंदौ हरि राई।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, आंधर कों सब कछु दरसाई॥
बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई।
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तेहि पाई॥
Author: Unknown Claim credit
चरन कमल बंदौ हरि राई।
जाकी कृपा पंगु गिरि लंघै, आंधर कों सब कछु दरसाई॥
बहिरो सुनै, मूक पुनि बोलै, रंक चले सिर छत्र धराई।
सूरदास स्वामी करुनामय, बार-बार बंदौं तेहि पाई॥
Author: Unknown Claim credit
रविवार, 06 जुलाई 2025
देवशयनी एकादशीगुरूवार, 10 जुलाई 2025
गुरु पूर्णिमागुरूवार, 10 जुलाई 2025
आषाढ़ पूर्णिमासोमवार, 21 जुलाई 2025
कामिका एकादशीमंगलवार, 05 अगस्त 2025
पुत्रदा एकादशीशनिवार, 09 अगस्त 2025
रक्षा बन्धन