हमारे हरि हारिल की लकरी.

हमारे हरि हारिल की लकरी.
मन क्रम वचन नंद-नंदन उर, यह दृढ करि पकरी.
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि,कान्ह-कान्ह जकरी.
सुनत जोग लागत है ऐसो, ज्यौं करूई ककरी.
सु तौ ब्याधि हमकौं लै आए,देखी सुनी न करी.
यह तौ ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपौ,जिनके मन चकरी.

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

ज्येष्ठ पूर्णिमा

बुधवार, 11 जून 2025

ज्येष्ठ पूर्णिमा
योगिनी एकादशी

शनिवार, 21 जून 2025

योगिनी एकादशी
देवशयनी एकादशी

रविवार, 06 जुलाई 2025

देवशयनी एकादशी
गुरु पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

गुरु पूर्णिमा
आषाढ़ पूर्णिमा

गुरूवार, 10 जुलाई 2025

आषाढ़ पूर्णिमा
कामिका एकादशी

सोमवार, 21 जुलाई 2025

कामिका एकादशी

संग्रह