झोली को भरलो भक्तो रंग और गुलाल से,
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से….
कोरे कोरे कलश मंगा कर उनमे रंग घुलवाना,
लाल गुलाबी नीला पीला केसर रंग मिलवाना,
बच बच के रहना उनकी टेडी मेडी चाल से,
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से….
लाएंगे वो संग में अपने ग्वाल बाल की टोली,
मैं भी रंग अम्बीर मलूँगा और माथे पर रोली,
गाएंगे फाग मिलके ढोलक खडताल से,
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से….
श्याम प्रभु की बजे बाँसुरिया गवालो के मंजीरे,
शंख बजावे ललिता नाचे राधा धीरे धीरे,
गाएंगे भजन सुहाने हम भी सुर ताल से,
होली खेलांगा आपा गिरधर गोपाल से….
Author: Unknown Claim credit