जहां ले चलोगे, वही मैं चलुंगा,
जहां नाथ रख लोगे, वही मैं रहुंगा।

ये जीवन समर्पित,चरण मे तुम्हारे,
तुम्ही मेरे सर्वस्व, तुम्ही प्राण प्यारे,
तुम्हे छोड़कर नाथ, किससे कहूंगा।
जहां ले चलोगे वही मे चलुंगा,
जहां नाथ रख लोगे, वही में रहुंगा।।

दयानाथ दयानिधि, मेरी अवस्था,
तेरे ही हाथो मे, मेरी व्यवस्था,
कहना होगा जो भी, तुमसे कहूंगा।
जहाँ ले चलोगे वही मे चलुंगा,
जहां नाथ रख लोगे, वही में रहुंगा।।

ना कोई शिकायत, ना कोई अर्जी,
कहलो करालो, जो तेरी मर्जी,
सहाओगे जो भी, हंस के सहूंगा।
जहाँ ले चलोगे वही मे चलुंगा,
जहां नाथ रख लोगे, वही में रहुंगा।।

जहा ले चलोगे वही मैं चलुंगा,
जहां नाथ रख लोगे, वही मैं रहुंगा।

Author: शेखर मौर्या

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