जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ॥

मात-पिता को सब समझाया,
मैं हू लीला करने आया,
जैसा कहु वैसा ही करना,
जगत भलाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ॥

कैसा किया है जादू कमाल,
छोटे बन गये लड्डू गोपाल,
देखो अंगूठा चूसते,
मोहनी सूरत बनाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ॥

बारिश पड़ रही मूसलाधार,
शेष नाग है सेवा दार,
यमूना जी की बाढ़,
ना जाने कहा समाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है ॥

जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैंया,
सबको बहुत बधाई है,
बहुत बधाई है,
सबको बहुत बधाई है,
जैल में प्रकटे कृष्ण कन्हैया,
सबको बहुत बधाई है ॥

Author: Guru Ashish

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