कन्हैया प्रेम की बंशी बजा दोगे तो क्या होगा।
बजा दोगे तो क्या होगा बजा दोगे तो क्या होगा।
ये धरती क्यों बनाई है ये अम्बर क्यों बनाया है।
ये दुनिया क्यों बनाई बता दोगे तो क्या होगा।
ये धरती रहने के लिए ये अम्बर ढकने के लिए।
ये दुनिया मतलब के लिए बता दोगे तो क्या होगा।।
ये माता क्यों बनाई है ये पिता क्यों बनाया।
ये बहना क्यों बनाई है बता दोगे तो क्या होगा।
ये माता सेवा के लिए ये पिता नाम के लिए।
ये बहना दान के लिए बता दोगे तो क्या होगा।
ये पाप क्यों बनाया है ये पुण्य क्यों बनाया है।
ये दान क्यों बनाया है बता दोगे तो क्या होगा।
ये पाप भोगने के लिए ये पुण्य मोक्ष के लिए।
ये दान पाने के लिए बता दोगे तो क्या होगा।
ये गंगा क्यों बनाई है ये यमुना क्यों बनाई है।
ये सरयू क्यों बनाई है बता दोगे तो क्या होगा।
ये गंगा नहाने के लिए ये यमुना पीने के लिए।
ये सरयू बहने के लिए बता दोगे तो क्या होगा।
Author: Guru Ashish