मेरा घुंघरू बोले हरे हरे

मेरा घुंघरू बोले हरे हरे ,गोविन्द हरे गोपाल हरे ,
मेरा घुंघरू बोले हरे हरे-हरे हरे ,हरे हरे ।

इह घुंघरू मैनुं सतगुरु दित्ते,
मैं तरले कीते बड़े-बड़े।
मेरा घुंघरू बोले ……..

मैं नच्चां मेरा गिरिधर नच्चे ,
मैनूं होर वी मस्ती चढ़े चढ़े।
मेरा घुंघरू बोले ……..

सुन घुंघरू मेरा देवर लड़दा,
मेरी सास रैहंदी मैथों परे परे।
मेरा घुंघरू बोले ……..

उल्टा-पुल्टा कई कुछ कैंहदे,
मैनु बोल सुनावन सढ़े-सढ़े।
मेरा घुंघरू बोले …..

छुट जाने इह महल चुबारे ,
रह जाने सुख धरे-धरे।
मेरा घुंघरू बोले ……..

गा लै गीत ‘‘मधुप’’ गिरिधर दे ,
हरी सिमरन विच सुख बड़े-बड़े।
मेरा घुंघरू बोले …….. ।

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह