तर्ज : उड़े जब जब जूल्फे….

दोहा: रंगीले घनश्याम को, बरसै रंग अपार ।
छीटा जै के लागगा, वो हो गया भव सूँ पार ॥

मेरा श्याम बड़ा रंगीला-2,
मस्ती बरसेगी-2, कीर्तन में ।

कोई श्याम को रिझाकर देखे -2,
उमरिया सुधरेगी-2, कीर्तन में ॥

कोई श्याम को सजाकर देखे -2,
खुशबू महकेगी-2, कीर्तन में ॥

कोई अँखियाँ लड़ाकर देखे -2,
धड़कन मचलेगी-2, कीर्तन में ॥

कोई श्याम को नचाकर देखे -2,
मुरलिया गूंजेगी-2, कीर्तन में ॥

” नन्दू” चलो भजन सुणावां-2,
चदरिया निखरेगी-2, कीर्तन में ॥

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