नंद दुवारे एक जोगी आयो शिंगी नाद बजायो ।
सीश जटा शशि वदन सोहाये अरुण नयन छबि छायो ॥ नंद ॥ध्रु०॥
रोवत खिजत कृष्ण सावरो रहत नही हुलरायो ।
लीयो उठाय गोद नंदरानी द्वारे जाय दिखायो ॥नंद०॥१॥
अलख अलख करी लीयो गोदमें चरण चुमि उर लायो ।
श्रवण लाग कछु मंत्र सुनायो हसी बालक कीलकायो ॥ नंद ॥२॥
चिरंजीवोसुत महरी तिहारो हो जोगी सुख पायो ।
सूरदास रमि चल्यो रावरो संकर नाम बतायो ॥ नंद॥३॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह