नटवर वेष काछे स्याम।

नटवर वेष काछे स्याम।
पदकमल नख-इन्दु सोभा, ध्यान पूरनकाम॥
जानु जंघ सुघट निकाई, नाहिं रंभा तूल।
पीतपट काछनी मानहुं जलज-केसरि झूल॥
कनक-छुद्वावली पंगति नाभि कटि के मीर।
मनहूं हंस रसाल पंगति रही है हृद-तीर॥
झलक रोमावली सोभा, ग्रीव मोतिन हार।
मनहुं गंगा बीच जमुना चली मिलिकैं धार॥
बाहुदंड बिसाल तट दोउ अंग चंदन-रेनु।
तीर तरु बनमाल की छबि ब्रजजुवति-सुखदैनु॥
चिबुक पर अधरनि दसन दुति बिंब बीजु लजाइ।
नासिका सुक, नयन खंजन, कहत कवि सरमाइ॥
स्रवन कुंडल कोटि रबि-छबि, प्रकुटि काम-कोदंड।
सूर प्रभु हैं नीप के तर, सिर धरैं स्रीखंड॥

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

हरतालिका तीज

मंगलवार, 26 अगस्त 2025

हरतालिका तीज
गणेश चतुर्थी

बुधवार, 27 अगस्त 2025

गणेश चतुर्थी
परिवर्तिनी एकादशी

बुधवार, 03 सितम्बर 2025

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम / थिरुवोणम

शुक्रवार, 05 सितम्बर 2025

ओणम / थिरुवोणम
अनंत चतुर्दशी

शनिवार, 06 सितम्बर 2025

अनंत चतुर्दशी
भाद्रपद पूर्णिमा

रविवार, 07 सितम्बर 2025

भाद्रपद पूर्णिमा

संग्रह