राधा जी बोली श्याम से याद मुरली की आने लगी,
सुनादे कान्हा बाँसुरिया….

अब के बरस में ओ कान्हा सावन में तू आ जाना,
झूठा झूलेंगे दोनों साथ में याद मुरली की आने लगी,
सुनादे कान्हा बाँसुरिया…..

अब के बरस में ओ कान्हा वृन्दावन में आ जाना,
रास रचाए दोनों साथ में याद मुरली की आने लगी,
सुनादे कान्हा बाँसुरिया…..

अब के बरस में ओ कान्हा कार्तिक में तू आ जाना,
दीप जलाए दोनों साथ में याद मुरली की आने लगी,
सुनादे कान्हा बाँसुरिया…..

अब के बरस में ओ कान्हा मधुबन में तू आ जाना,
गउए चराए दोनों साथ में याद मुरली की आने लगी,
सुनादे कान्हा बाँसुरिया…..

अब के बरस में ओ कान्हा मैं तेरी हो जाउंगी,
जीवन बिताए दोनों साथ में याद मुरली की आने लगी,
सुनादे कान्हा बाँसुरिया…..

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