संवारे मेरे घर आओ कभी

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

नटखट गोविंदा नटखट गोपाला
गाय चराये बोलो कौन है बाला
नटखट गोविंदा नटखट गोपाला
गाय चराये बोलो कौन है बाला

प्यार की ये भाषा
जरा हमें भी सिखाओ कभी

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी

प्यासी है जी कबसे अखियाँ
दर्श दिखाओ कभी

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

बचना रे बचना कान्हा रंग लगाये
बरसाना का सभी रास्ता सजाये
माखन मटकी ये अपना बचा लो
मटकी तोड़के नाच नचाये

प्रीत का ये रंग
जरा हमें भी लगाओ कभी

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

संवारे संवारे

मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

तुम्हरी लीला कोई समझे ना समझे
माया तुम्हारी से कैसे कोई बच ले
तुम्हरी लीला कोई समझे ना समझे
माया तुम्हारी से कैसे कोई बच ले

प्राण जो मैंने तुमको अर्पण किये तो
फिर रंग क्या है ये अब जाके समझे

मीठी मन मोहिनी मुरली
मेरे लिए भी बजाओ कभी

संवारे संवारे
मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

संवारे संवारे

मेरे घर आओ कभी
प्यासी है जी कबसे अखिया
दर्श दिखाओ कभी

Author: Hansraj Raghuwanshi

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