सांवरे को दिल में बसा के तो देखो

दुनिया से मन को हटा के देखो||

बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी

इक बार वृन्दावन आ करके तो देखो

बांके बिहारी भक्तों के दिलदार

सदा लुटाते हैं कृपा के भण्डार

मीरा ने जैसे गिरिधर की पाया

प्याला ज़हर का अमृत बनाया||

मीरा सी हस्ती मिटा कर तो देखो

इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

कोई तन दुखी कोई मन दुखी

कोई धन बिन रहे उदास||

थोड़े थोड़े सब दुखी,

सुखी राम के दास

तेरी पल में झोली वो भर देगा

दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा||

चौखट पे दामन फैला कर तो देखो

बस, इक बार वृन्दावन आ कर तो देखो

‘चित्र विचित्र’ का तो बस यही कहना

प्रभु चरणो से कही दूर नहीं रहना||

जिंदगी यह बंदगी में मिटा कर तो देखो

इक बार वृन्दावन आ कर के देखो

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