श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में !
श्यामा रसते में बाग लगा जाना,
फुल बीनुगी तेरी माला के लिए !
तेरी बाट निहारूं कुंजन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में !!
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उम्र बीत गयी गोकुल में !!
श्यामा रसते में कुआँ खुदवा जाना,
मैं तो नीर भरुंगी तेरे लिए !
मैं तुझे नहालाउंगी मल-मल के,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !!
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !
श्यामा मुरली मधुर सुना जाना,
मोहे आके दरश दिखा जाना !
तेरी सूरत बसी है अंखियन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !!
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !
श्यामा वृन्दावन में आ जाना,
आकर के रास रचा जाना !
सूनी गोकुल की गलियन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !!
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !
श्यामा माखन चुराने आ जाना,
आकर के दही बिखरा जाना !
बस आप रहो मेरे मन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !!
श्यामा आन बसों वृन्दावन में,
मेरी उमर बीत गयी गोकुल में !
Author: Unknown Claim credit