तेरे रज रज दर्शन पावा इक वारि खोल अखियाँ,
खोल अखियाँ खोल अखियाँ,
तेरे रज रज दर्शन पावा…..
कोई ता कहंदा प्यारा दिल विच वसदा,
असली ठिकाना तेरा कोई भी न दसदा,
कोई भी न दसदा श्याम,
की करा के दर नु जावा,
एक वारि खोल अखियाँ,
तेरे रज रज दर्शन पावा……
तेरे दर्श दी मैं हां दीवानी, अपना चरना दी दे जा निशानी,
दे जा निशानी श्यामा दे जा निशानी,
अखियाँ प्यासियाँ नु होर तरसा न,
एक वारि खोल अखियाँ,
तेरे रज रज दर्शन पावा……….
तेरा दर्श पा के वारि वारि जावा,
श्याम नाम दी गंगा विच गोते पई लावा,
श्याम प्रेम दी ज्योत जगावा,
एक वारि खोल अखियाँ,
तेरे रज रज दर्शन पावा……….
तेरे चरना च मैं रेन गुजारा,
तेरे दर्श बिना मैं चैन ना पावा,
अखा थक गईयाँ तक तक राहवा,
एक वारि खोल अखियाँ,
तेरे रज रज दर्शन पावा……..
Author: Unknown Claim credit