तर्ज – तेरे चेहरे में वो जादू है

तेरी मुरली में वो जादू है,
बिन डोर खिंचा आता हूँ,
जाना होता है और कही,
तेरी ओर चला आता हूँ,
तेरी मूरली में वो जादू है……..

तेरी बांस की मुरली तो,
रिझाती हम सब भक्तो को,
दीवाना ये कर जाती है,
सबमे प्यार ही प्यार जगाए…….

तू तो एक तरंग डाले,
जी उठे मरने वाले,
तेरे दरश के मतवाले,
दिल में जीने की आस बढाए,
चल पड़ते है तेरे पास कदम,
मैं रोक नहीं पाता हूँ,
तेरी मुरली में वो जादु है,
बिन डोर खिंचा आता हूँ,
जाना होता है और कही,
तेरी ओर चला आता हूँ,
तेरी मुरली में वो जादु है……..

श्याम तेरे भगत दीवाने है,
तेरे सब चाहने वाले है,
तेरे बिन जीवन सूना है,
इस जीवन की प्यास बुझा दे….

तू जो सच्चा जानी है,
तुझसे आस पुरानी है,
मेरे जीवन की नैया को,
पल में भव से पार लगा दे,
मिलना तुमसे मुश्किल ही सही,
मिलने को मचल जाता हूँ,
तेरी मुरली में वो जादु है,
बिन डोर खिंचा आता हूँ,
जाना होता है और कही,
तेरी ओर चला आता हूँ,
तेरी मुरली में वो जादु है……..

जब से तुझको देखा है,
‘संजू घनश्याम’ दिवाना है,
दीवाना दिल ये कहता है,
मेरी खुशियों का तू है खजाना,
जगा के प्यार तू हर दिल में…..

कर दे कमी सभी पूरी,
तुझसे थोड़ी भी दुरी,
‘निरंजन’ करती है ये दीवाना,
पाना तुझको मुश्किल ही सही,
पाने को मचल जाता हूँ,
तेरी मुरली में वो जादु है,
बिन डोर खिंचा आता हूँ,
जाना होता है और कही,
तेरी ओर चला आता हूँ,
तेरी मुरली में वो जादु है……..

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गणेश चतुर्थी

शनिवार, 07 सितम्बर 2024

गणेश चतुर्थी
राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ

संग्रह