तू राधे राधे गाले,
और झूम ले मस्ती में,
छोटा सा घर बना ले,
गोविन्द की बस्ती,
तु राधें राधें गाले,
और झूम ले मस्ती में…….

दीवानो आ के देखो,
क्या धूम मच रही है,
राधा के नाम की अब,
ये धारा बह रही है,
आ झूम झूम के अब,
ये कहते है मस्ती में,
छोटा सा घर बना ले,
गोविन्द की बस्ती,
तु राधें राधें गाले,
और झूम ले मस्ती में…….

श्यामा के दर पे आके,
कोई ना जाए खाली,
करके कृपा किशोरी,
भर देगी झोली खाली,
तुझको सुकुन मिलेगा,
श्री राधे की मस्ती में,
छोटा सा घर बना ले,
गोविन्द की बस्ती,
तु राधें राधें गाले,
और झूम ले मस्ती में……

एक बार हाथ थामो,
ब्रज स्वामीनी हमारा,
कितने गुनाह किए है,
गुनेहगार हूँ तुम्हारा,
करके कृपा उठा लो,
आया तेरी बस्ती में,
छोटा सा घर बना ले,
गोविन्द की बस्ती,
तु राधें राधें गाले,

Author: Unknown Claim credit

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