तूने इतना दिया रे गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने आँखे दी है जिसमें ज्योति दी है,
तेरे दर्शन करुँगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने कान दिए जिसमें परदा दिया,
तेरी कथा सुनुंगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने कंठ दिया जिसमें जिव्हा दी है,
तेरे भजन करुँगी जिव्हा गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने पेट दिया जिसमें भूख दी है,
तेरी ग्यारस करुगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने हाथ दिए उसमें बंधन दी है,
मैं तो दान करुँगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

तूने पाओ दिए उसमे बंधन दिए,
मैं तो तीर्थ करुँगी गिरधारी ओ बाके बिहारी,
की मैं तो माला माल हो गई…….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कालभैरव जयंती

शुक्रवार, 22 नवम्बर 2024

कालभैरव जयंती
उत्पन्ना एकादशी

मंगलवार, 26 नवम्बर 2024

उत्पन्ना एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 29 नवम्बर 2024

मासिक शिवरात्रि
गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती

संग्रह