विनती सुनिए नाथ हमारी,
ह्रदय स्वर हरी ह्रदय बिहारी,
मोर मुकुट पीताम्बरधारी,
विनती सुनिए……….

जनम जनम की लगी लगन है,
साक्षी तारों भरा गगन है,
गिन गिन स्वास आस कहती है,
आएंगे श्री कृष्ण मुरारी,
विनती सुनिए……….

सतत प्रतीक्षा अप लक लोचन,
हे भव बाधा विपत्ति विमोचन,
स्वागत का अधिकार दीजिये,
शरणागत है नयन पुजारी,
विनती सुनिए……….

और कहूं क्या अन्तर्यामी,
तन मन धन प्राणो के स्वामी,
करुणाकर आकर ये कहिये,
स्वीकारी विनती स्वीकारी,
विनती सुनिए……….

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