बता दो जगत के मालिक,तेरा दीदार कहाँ होंगा,

कोई ढूढे है काशी मे,कोई ढूढे है काबे में,
पता नही चला किसी को,मेरे सरदार कहाँ होंगे,

कोई भस्मी रमावे अंग,कोई नाम जपे हरदम,
कोई खोजे कन्दराओ मे,मेरे किरतार कहाँ होंगे ,

कोई करे ध्यान योगी जन,रोक कर स्वास ओर मन को,
दशवे द्वार मे खोजे,परवरदिगार कहाँ होगे ,

क्यु भटकता फिरता है,दुनियां के झमेले में,
खोज ले अपने घट भीतर,निराकार वहाँ होगे,

हजारो जतन तु करले,अगन के बीच में तप ले.,
सदानन्द हर घट मे,मेरे सरकार वहाँ होगे ,

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

कामिका एकादशी

बुधवार, 31 जुलाई 2024

कामिका एकादशी
मासिक शिवरात्रि

शुक्रवार, 02 अगस्त 2024

मासिक शिवरात्रि
हरियाली तीज

बुधवार, 07 अगस्त 2024

हरियाली तीज
नाग पंचमी

शुक्रवार, 09 अगस्त 2024

नाग पंचमी
कल्कि जयंती

शनिवार, 10 अगस्त 2024

कल्कि जयंती
पुत्रदा एकादशी

शुक्रवार, 16 अगस्त 2024

पुत्रदा एकादशी

संग्रह