तर्ज :- दरोगा जी चोरी होगई
यशोदा मां चोरी हो गयी,
गोरस जमा के मटकी छुपा के – 2
झट से मैं सोगई
यशोदा मां…..
कागज कलम दवात ले,
लिखलो रपट हमारी,
माखन मेरा चुराया 2
तेरा मदन मुरारी,
मां को जवाब क्या दूं मैया – 2
बरजोरी हो गयी।
यशोदा मां…..
लिखकर रपट यशोदा,
श्री कृष्ण को बुलाई,
नंद ने कचहरी में – 2
फैसला सुनाई,
कृष्ण को बांध दिए उखल में – 2
मजबूरी हो गयी,
यशोदा मां…..
उस दिन से सारी सखियां,
रोए कदंब के नीचे,
आजा मोहन मुरारी – 2
आंसु से तन को सीचे,
रोको कलम को प्यासा – 2
कुछ गलती होगयी।
यशोदा मां….. ।
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