चाहे फिरले ज़माने भर मे,
बात तेरी कोई पूछे ना,
एक माँ ही जो समझेगी तेरी,
बात तेरी कोई पूछे ना,
चाहे फिरले ज़माने भर में,
बात तेरी कोई पूछे ना,
एक माँ ही जो समझेगी तेरी,
बात तेरी कोई पूछे ना…..

किसका दुःख जाना दुनिया ने जो तेरा जानेगी,
मत रो दुनिया के आगे तुझपे ये हस देगी,
संग दिल दुनिया ना समझेगी कदर तेरे अश्क़ो की,
चाहे फिरले ज़माने भर में,
बात तेरी कोई पूछे ना…..

बिन मतलब जो प्रेम करे वो दिल माँ का होता,
जब माँ का बेटा रोये दिल माँ का रोता है,
बाकी प्रेम सारे झूठे धोखा ही धोखा है,
चाहे फिरले ज़माने भर में,
बात तेरी कोई पूछे ना…..

तेरे गम की दवा मिलेगी चल तू माँ के द्वारे,
ममता की मूरत को अपने दिल का हाल बता दे,
माँ ही अपने बच्चो को देती है सदा सहारे,
चाहे फिरले ज़माने भर में,
बात तेरी कोई पूछे ना…..

दुनिया के आगे झुकने से ठोकर ही खायेगा,
माँ के चरणों में ‘राज मेहर’ तू रोशन हो जायेगा,
सारी दौलत भक्ता तू माँ के चरणों में पायेगा,
चाहे फिरले ज़माने भर में,
बात तेरी कोई पूछे ना…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

छठ पूजा

मंगलवार, 28 अक्टूबर 2025

छठ पूजा
कार्तिक पूर्णिमा

बुधवार, 05 नवम्बर 2025

कार्तिक पूर्णिमा
उत्पन्ना एकादशी

शनिवार, 15 नवम्बर 2025

उत्पन्ना एकादशी
मोक्षदा एकादशी

सोमवार, 01 दिसम्बर 2025

मोक्षदा एकादशी
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

गुरूवार, 04 दिसम्बर 2025

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
सफला एकादशी

सोमवार, 15 दिसम्बर 2025

सफला एकादशी

संग्रह