कितना पावन सुंदर मैया,
वैष्णो तेरा धाम रे,
आऊ दरश को तेरे मैया,
जपु मैं तेरा नाम रे……

तेरे दरश की अभिलाषा नित,
मन में मेरे होती,
कितनी सुंदर गुफा तुम्हारी ,
नित जलती जहाँ ज्योति,
पिंडी रूप मैं बैठी मैया,
करती सबको निहाल रे,
आऊ दरश को तेरे मैया…..

तेरे दर पर दीन दुखी का,
कटता संकट सारा,
पल में भरदी झोली उसकी,
जो जग से था हारा,
अरुण भी तेरे दरश का प्यासा,
कर रहा गुणगान रे,
आऊ दरश को तेरे मैया…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती
अन्नपूर्णा जयन्ती

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

अन्नपूर्णा जयन्ती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
संकष्टी चतुर्थी

बुधवार, 18 दिसम्बर 2024

संकष्टी चतुर्थी

संग्रह