पावन ये द्वारा है,
सबसे निराला है,
तेरे चरणों में झुकता,
संसार सारा है,
मैं भी आया हूँ दरबार,
माँ मेरी बिगड़ी बना दो,
खाली ना जाऊंगा,
दामन फैलाऊँगा,
दुखड़े जीवन के सारे,
तुमको सुनाऊंगा,
मैं भी हूँ माँ तेरा लाल,
मां मेरी बिगड़ी बना दो।।

तुम जगत की रानी हो,
करती सिंह सवारी हो,
जिसकी रक्षा तुम करती,
फिर उसे माँ डर क्या हो,
तुम मेरी मैं तुम्हारा हूं,
फिर क्यों मां बे सहारा हूं,
दर तेरे आऊंगा,
दर्शन में पाऊंगा,
सपना जो है अधूरा,
पूरा कर जाऊंगा,
मैं भी हूँ माँ तेरा लाल,
मां मेरी बिगड़ी बना दो।।

पर्वतों पर रहती हो,
सब के भाग्य बनाती हो,
तेरे दर पर जो आए,
उसकी विपदा हरती हो,
मैया मेरी भाग्य जगाओ,
मैं आया हूं दर पे तुम्हारे,
झूमेंगे नाचेंगे,
तुम को मनाएंगे,
तेरे चरणों में मैया,
शीश झुकाएंगे,
मैं भी हूँ माँ तेरा लाल,
मां मेरी बिगड़ी बना दो।।

मैं दीवाना हो गया हूं,
चरणों में मुझको रख लेना,
जन्म जन्म का हो बंधन,
मैया मुझको वर देना,
मेरे सर पर हाथ तुम्हारा हो,
मां जब फैला अंधियारा हो,
‘विशाल’ आयेगा,
महिमा सुनायेगा,
मैया तेरे चरणों में,
अर्जी लगायेगा,
मैं भी हूँ माँ तेरा लाल,
मां मेरी बिगड़ी बना दो।।

पावन ये द्वारा है,
सबसे निराला है,
तेरे चरणों में झुकता,
संसार सारा है,
मैं भी आया हूँ दरबार,
माँ मेरी बिगड़ी बना दो,
खाली ना जाऊंगा,
दामन फैलाऊँगा,
दुखड़े जीवन के सारे,
तुमको सुनाऊंगा,
मैं भी हूँ माँ तेरा लाल,
मां मेरी बिगड़ी बना दो।।

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