अंबे मैया को मन में बसा कर, मां का दर्शन किए जा रहे हैं,
सीस चरणों में मां के झुका कर, खुद को अर्पण किए जा रहे हैं,
अंबे मैया को मन में बसा कर….

काले बालों की अद्भुत जटा है,
मां के मुखड़े की अनुपम छटा है,
कैसी मुस्कान मां के लबो पर,
देख उसको जिए जा रहे हैं,
अंबे मैया को मन में बसा कर….

भोली सूरत लगे मां की प्यारी,
मां की महिमा है जग से निराली,
खुद को चरणों में मां के लुटा कर,
भेट तन मन दिए जा रहे हैं,
अंबे मैया को मन में बसा कर….

मैया तुमको ही है अपना माना,
अब कहे चाहे कुछ भी जमाना,
प्रेम गंगा में डुबकी लगाकर,
भक्ति रस का पीए जा रहे हैं,
अंबे मैया को मन में बसा कर….

तेरे दर पर लगाया मां डेरा,
तेरे चरणों में जीवन है मेरा,
चरण धूलि को मस्तक लगाकर,
नतमस्तक हुए जा रहे हैं,
अंबे मैया को मन में बसा कर….

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गीता जयंती

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

गीता जयंती
मोक्षदा एकादशी

बुधवार, 11 दिसम्बर 2024

मोक्षदा एकादशी
दत्तात्रेय जयंती

शनिवार, 14 दिसम्बर 2024

दत्तात्रेय जयंती
अन्नपूर्णा जयन्ती

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

अन्नपूर्णा जयन्ती
मार्गशीर्ष पूर्णिमा

रविवार, 15 दिसम्बर 2024

मार्गशीर्ष पूर्णिमा
संकष्टी चतुर्थी

बुधवार, 18 दिसम्बर 2024

संकष्टी चतुर्थी

संग्रह