सुत्ती पई नू मैनु सुपना आया,
मैं सुपने च माँ दे मंदिर गयी,
मथा टेक के पीछे मुड़ पई,
नि आके माँ ने बांह फड़ लई,
पटक देनी आँख खुल गयी, खुल गयी……

जद मैं सोहना मंदिर वेखया,
मंदिर वेखया, मथा टेकेया,
करदी माँ दे दर फरियादा,
माँ मैं फस गई विच फ़सादा,
मँगिया माँ तो मैं लख मुरादा…..

फिर सुत्ती पई नू मैनु सुपना आया,
मैं सुपने च माँ दी ज्योत जगाई,
चलके माँ मेरे घर आयी,
ते लग्गे सारे देन बधाई,
पटक देनी आँख खुल गयी, खुल गयी……

मैं मईया दिया चौंकिया भरदी,
हरदम जय माँ, जय माँ करदी,
माँ दिया पिंडिया खूब सजा के,
किती आरती ज्योत जगा के,
सो गयी सच्चे दिलों ध्या के…

फिर सुत्ती पई नू मैनु सुपना आया,
मेरे घर आप आयी माँ भोली,
मैं तक के हो गयी गूंगी बोली,
ते मेरी भरती खाली झोली,
पटक देनी आँख खुल गयी, खुल गयी……

जद भी माँ दे आऊंन नवराते,
हुँदे था था ते जगराते,
मैं भी कंजका पूजन करके,
लंग जा भवजल विचो तरके,
पी लया नाम प्याला भरके….

फिर सुत्ती पई नू मैनु सुपना आया,
गूंगे जय माँ, जय माँ करदे,
पिंगले जान पहाड़ी चढ़के,
बिट्टू खन्ने वाले वरगे,
नी अखियां च नींद उड गयी, उड गयी…..

Author: Unkonow Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

गणेश चतुर्थी

शनिवार, 07 सितम्बर 2024

गणेश चतुर्थी
राधा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

राधा अष्टमी
दुर्वा अष्टमी

बुधवार, 11 सितम्बर 2024

दुर्वा अष्टमी
परिवर्तिनी एकादशी

शनिवार, 14 सितम्बर 2024

परिवर्तिनी एकादशी
ओणम/थिरुवोणम

रविवार, 15 सितम्बर 2024

ओणम/थिरुवोणम
पितृपक्ष प्रारम्भ

मंगलवार, 17 सितम्बर 2024

पितृपक्ष प्रारम्भ

संग्रह