तर्ज- महफिल है श्याम आपकी, महफिल मे आइये जरा

मैया जी तेरे दर पे विश्वास लेके आया,
बेटे को तू संभाले, बच्चे को तू संभाले,
सोच के मै ये आया,
मैया जी तेरे दर पे विश्वास लेके आया…..

माना की गलती की है,
दर दर भटक रहा था,
मुंह तो अपना मैं तो,
मुंह तो अपना मैं तो,
अब तक छिपाते आया,
मैया जी तेरे दर पे विश्वास लेके आया…..

पिछले बुरे कर्म के मुझे फल ये मिल रहा है,
तेरे पास जब भी आया,
तेरे पास जब भी आया,
दुख दर्द है सुनाया,
मैया जी तेरे दर पे विश्वास लेके आया…..

अगर जो तू चाहे मैया जीवन बदल दे मेरा,
करू नौकरी मै तेरी,
करू नौकरी मै तेरी,
तुमको मनाने आया,
मैया जी तेरे दर पे विश्वास लेके आया…..

‘सत्यम’ आखरी तमन्ना चरणों मे मुझको लेले,
सब कुछ मुझको मिलता,
सब कुछ मुझको मिलता,
दोनों हाथ जब फैलाया,
मैया जी तेरे दर पे विश्वास लेके आया…..

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