मेरी अम्बे आदभवानी, करती है सिंघ सवारी,
कष्टों को मार देती है, ये बात है जग ने जानी।।

माँ असुरो को संहारे, माँ भैरो को भी तारे,
जय माँ, जय माँ, जय माँ, गूंजे जैकारे,
माँ सच है तेरी कहानी, दुनिया है तेरी दीवानी,
कष्टों को मार देती है, ये बात है जग ने जानी।।

माँ ऊँचे डेरो वाली, तेरा भवन न रहता खाली,
आये हुए भक्तो की तू भरती झोली खाली,
तू चमत्कार दिखलाती, कहलाती तू वरदाती,
कष्टों को मार देती है, ये बात है जग ने जानी।।

भक्तो की विनती सुन कर, माँ दौड़ी दौड़ी आती,
जो हम श्री धर बन जाये, माँ कंजक रूप में आती,
है मन चाहे फल देती, नवरात्रे पूर्ण करती,
कष्टों को मार देती है, ये बात है जग ने जानी।।

Author: Unknown Claim credit

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