रंग बरसे, रंग बरसे दरबार मैया जी तेरे रंग बरसे,
रंग बरसे, रंग बरसे दरबार मैया जी तेरे रंग बरसे…..

ऊँचेया पहाड़ा दिया ठंडिया हवावा,
स्वर्गा नु जांदिया ने मन्दीरा चो रावां,
भगता दा करदी उद्धार, मैया जी तेरे रंग बरसे,
रंग बरसे, रंग बरसे दरबार मैया जी तेरे रंग बरसे…..

ऊँचेया पहाड़ा विच भक्ता दी टोली,
रहमता दे बैठी ए द्वार दाती खोली,
मँग के ते देख इक वार, मैया जी तेरे रंग बरसे,
रंग बरसे, रंग बरसे दरबार मैया जी तेरे रंग बरसे…..

ऊँचेया पहाड़ा विच बदला दे टुकड़े,
जेहड़ा भी सुनावे दाती सुनदी ए दुखड़े,
कटदी है कलेश हजार, मैया जी तेरे रंग बरसे,
रंग बरसे, रंग बरसे दरबार मैया जी तेरे रंग बरसे…..

ऊँचेया पहाड़ा विच फुल रंग रंग दे,
देणवाली इक है ते लख्खां लोकी मंगदे,
फीर भी ना मुकदे भण्डार, मैया जी तेरे रंग बरसे,
रंग बरसे, रंग बरसे दरबार मैया जी तेरे रंग बरसे…..

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