स्वर स्वामिनी मां मैं तुमको रिझाऊं,
जो तुमको अराधे वही गीत गाऊं,
स्वर स्वामिनी मां…..

सा से सजा दो, मेरी वन्दना को,
रम जाए रे से, वो भाए जहां को,
ग गुनगुनाऊं सदा तेरी वाणी,
म से मैया तेरा प प्यार पाऊं,
स्वर स्वामिनी मां…

ध से तुम्हीं धन, हो ऐ स्वर की दाता,
तुम्हीं हो पिता मेरे, तुम ही हो माता,
नि से निकल जाऊं, हर कशमकश से,
मैं भी “श्याम” संगीत में मान पाऊं,
स्वर स्वामिनी मां मैं तुमको रिझाऊं,
जो तुमको अराधे वही गीत गाऊँ,
स्वर स्वामिनी मां…..

Author: Unknown Claim credit

Comments

संबंधित लेख

आगामी उपवास और त्यौहार

हनुमान जयंती

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

हनुमान जयंती
चैत्र पूर्णिमा

शनिवार, 12 अप्रैल 2025

चैत्र पूर्णिमा
वरुथिनी एकादशी

गुरूवार, 24 अप्रैल 2025

वरुथिनी एकादशी
मोहिनी एकादशी

गुरूवार, 08 मई 2025

मोहिनी एकादशी
वैशाखी पूर्णिमा

सोमवार, 12 मई 2025

वैशाखी पूर्णिमा
अपरा एकादशी

शुक्रवार, 23 मई 2025

अपरा एकादशी

संग्रह