रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
सीता राम सीता राम
भज प्यारे तू सीता राम

राम सिया राम सिया राम
राम सिया राम सिया राम

अयोध्या अयोध्या आये
मेरे प्यारे राम
बोलो जय जय श्री राम

हे म्हारी आखों के तारे है
प्रभु राम
बोलो जय जय श्री राम

युग राम राज का आ गया
शुभ दिन ये आज का आ गया
हुई जीत सनातन धर्म की
घर घर भगवा लहरा गया

जागा है अवध का भाग जी
गूंजा है विजय का राग जी
योगी संतन की अखियों से
छलके प्रेम अनुराग जी

सज धज के, सज धज के,
हे सज धज के लागे
सबसे न्यारे राम
बोलो जय जय श्री राम

हे म्हारी आखों के तारे है
प्रभु राम
बोलो जय जय श्री राम

रघुनन्दन का राज तिलक है
राज सिंहासन राम का हक है
राम का होगा राज जगत में
प्रश्न ना कोई ना कोई शक है

राम के पथ में सबकी पलक है
जीत ये सबके लिए ही सबक है
जय श्री राम के नाम का नारा
देता सुनाई अम्बर तक है
किसी भी युंग मे ना हारे
मेरे प्यारे राम
बोलो जय जय श्री राम

हे म्हारी आखों के तारे है
प्रभु राम
बोलो जय जय श्री राम

शरयु के धारे नाच रहे
दोनों किनारे नाच रहे
दसों दिशाएं झूम रही
यंहा चांद सितारे नाच रहे
नाच रहे मन भक्तों के
यहां साधु सारी नाच रहे

राम की धुन में होके मगन सब
राम दुलारे नाच रहे
नाच रहे पर्वत पर शंकर
देवी देवता नाच रहे

अयोध्या अयोध्या आये
मेरे प्यारे राम
बोलो जय जय श्री राम

हे म्हारी आखों के तारे है
प्रभु राम
बोलो जय जय श्री राम

बाजे मंजीरे और मृदंग
हवा में उड़े केसरिया रंग
लौट आए है रघुवंशी संग

Author: Unknown Claim credit

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